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संदेश

Pushpendra

जीत की एक आस लगाई है

ना हौसला खोया है, ना  जीतने  की  उम्मीद  खोई है, बस लगातार मेहनत करके हमने, जीत  की  एक  आस  लगाई  है! Be a champion
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"बहुत दिन बाद"

बहुत दिन बाद आया हूं, फिर भी लड़ना मै न भुला हूं, भले याद नहीं हैं जंग ए मैदान, भी लक्ष्य को मै न भूला हूं, आज फिर नए मैदान पर आया हूं, आंखों में सपने भरकर लाया हूं, खाली न जाऊंगा इस बार मै, जीत की सौगंध खाकर आया हूं, मत समझना कमजोर मुझे, आ मुश्किल फिर से झकझोर मुझे, लडूंगा जब तक मेरी जीत नहीं, इस बार खुद हरना होगा तुझे, तू आएगी अपना डंका बजकर, मै तैयार मिलूंगा अपनी कमर कसकर, तू मुश्किल मै मुसाफिर आज होगी तुझे ही मुश्किल, युद्ध होगा अपने बीच जमकर, Be a champion

जरा संभलकर चलना

मानने वाले मान जाएंगे, जानने वाले जान जाएंगे, समझने वाले समझ जाएंगे, जो कमजोर होंगे उनका पता नहीं, जो मजबूत होंगे वो हिलेंगे भी नहीं, पर अगर तुम सही हुए तो, थोड़ा ही उठ पाओगे, जो अगर तुम गलत हुए तो, तुम बिल्कुल ही नीचे आ जाओगे, तो संभलकर चलना जनाब पता नहीं कहां न पहुंच जाओ। Be a champion

"उसकी कथा"

बाद मेरे, मेरे ही नग्मों को उजागर कर, गूंजी उसकी शहनाइयां, गिले , शिकवे सब सहे, हमने सही उसकी परेशानियां, उसने हमसे कहा था, हम समझेंगे बस प्रेम की भाषा, ना छोड़ेंगे तुम्हारी प्रेम की गलियां, आज भूली है वो प्रेम की भाषा, छोड़ दिया है उन प्रेम की गलियों को, दिल अब सब समझ गया, वो तो सब उसका झांसा था, उसके लिए तो मैं मिट्टी का खिलौना था, जिसको उसने खेल कर मिटाना था, और मुझे पूरा ही बदल देना था। 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥 💔💔💔💔💔💔💔 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥 Be a champion

"आज भी याद आएं"

वो पुरानी यादें, वो हसीन बातें, वो तेरे घर की राहें, वो सब आज भी याद आएं, वो मेरी बाहों में तेरी बाहें, कभी मेरे तो कभी तेरे घर की राहें, ना जाने कितने लम्हों की यादें, वो सब आज भी याद आएं, घंटों हमने कितना साथ बिताया, कभी हमने तो कभी तुमने अपना हाल सुनाया, याद है तुम्हे जब मैं था तुम पर बौराया, वो सब मुझे आज भी याद आएं, वो मेरा तेरी छत पे चुपके से आना, फिर तुझे ऊपर फोन करके बुलाना, डैडी घर में हैं तेरा यह मुझे बताना, वो सब बातें मुझे आज भी याद आएं, तेरा चुपके से छत में आना, चिड़ियों को दाना देने की बात मां से कहना, फिर हमारा घंटों बतियाना, वो बातें मुझे आज भी याद आएं, ज़िक्र तेरा अकेले में करता हूं, आज भी तुझसे मिलना चाहता हूं, तभी तो आज फिर से तेरी गली से गुजरा हूं, वो सब मुझे आज भी याद आएं, आ जाना मेरी उस गली के मंदिर में, तूने ही कहा था अपने खत में, लो आ गया अब खड़ा हूं बस तेरे इंतज़ार में, अब तेरी यादें मुझे और भी आएं, देर ना करना तुमने ही बोला था, सुबह से शाम हो गई तुम न आए मैं वहीं था, ना आना था तो मिलने को क्यों बुलाया था, मैं अगले दिन भी वहीं खड़ा हुआ था, राहत शाहब आपने सही ही

आजकल तेरा नशा हो गया

हमारा महफिलों में जाना सजा हो गया, यह हुआ जबसे हमें तुमसे लगाव हो गया, यूं तो अक्सर ही हम महफिलें जमाया करते थे, अब तो आजकल बस तेरा नशा हो गया।       शेयर कीजिए!       खुशियां बांटिये!       प्रसन्ना रहिये!🙃 Be a champion

गजब मास्क

एक अनजान व्यक्ति से मुलाकात हो गई, मास्क की वजह से थोड़ी गडबड हो गई, मास्क उन्होंने पहना बचाव के लिए, अच्छा लगा हमें उनकी इस सुरक्षा के लिए, पर उनकी कद काठी देखी जब हमने, कैसे आना हुआ भाई रे पूछा हमने, गुस्से में उन्होंने मस्क उतारा, बोले मै भाई नहीं हूं तुम्हारा, देखते ही उन्हें फर हम गए, माफ़ करदो भाया बोले हम, मास्क की वजह से पहचान न पाए आपको हम।

इंतजार है

आगे काफी कुछ है, इंतजार है तो कुछ वक़्त का, आगे तो हम ही हम है, बस जीतने तक के वक्त का इंतजार है।

" ऐ जिन्दगी "

ऐ जिन्दगी अब रह ही क्या गया है, हम तो सिर्फ उनके दिए गए जख्मों को सहते हैं, वो तो हमारी खुशी ले कर चले गए, और अब हम उनके दिए गए जख्मों को, अपने सिरहाने रख कर सोते हैं।।

"समझ जमाने की"

कभी तो यह हमें कवि कहता है, तो कभी-कभी यह हमें शायर समझता है, हमेशा से ही इस जमाने की अलग ही कहानी है, की यह एक प्रेमी को भी पागल समझता है।।

"किनारा"

किसी ने मुझे दूर से पुकारा, हुआ क्या तुझे ऐ मेरे दोस्त, जब वो हमारे पास आ गए, तब हम धीरे से बोले, कुछ नहीं हुआ मेरे दोस्त, बस जिंदगी ने किनारे कर दिया।। 

"अब चैन पाया हूं"

उसकी वजह से कितनी रातें, मैं सो पाया नहीं हूं, उसको खोकर अब जाके कहीं, अब मैं चैन पाया हूं, तमन्ना है मेरी बस यही एक, की वो अब मुझसे रूबरू न हो, क्योंकि उसको खोकर अब कहीं मैं, चैन की जिंदगी जी पाया हूं।।

"गमों से दोस्ती"

ऐ जिन्दगी तूने गम तो बहुत दिए, और ये गम अब भी लगातार बरकरार है, फिर भी तुझसे कितना ज्यादा प्यार है, अगर जिंदगी को न सोच गमों से दोस्ती की होती, तो शायद देखते की जिंदगी में, आज तो बस खुशी ही खुशी है।।

"आपकी महानता"

सर आपकी महानता का क्या कहना, मेरा सिर चाहता है आपके सामने सदा झुकना, जब आप हमारे पास है तो हमें क्यों डरना, आप जरूरत मंदों की मदद हमेशा करते रहना, सपना है मेरा बन सकूं आपकी तरह, मेरी मौजूदगी में कोई ना सहे विरह, आप कर रहे हैं मदद सबकी जिस तरह, आप खुश रहें भगवान आपके सारे दुःख हरे, आपकी महानता के चर्चे सुने हैं मैंने बहुत, बच्चों को सफल बनाने में मेहनत करते हैं बहुत, अक्सर कहते सुना है आप उदार है बहुत, आपका यश ऐसे ही बढ़ता रहे बहुत - बहुत, बनी रहे आपके चेहरे में जो मुस्कान है, आप जैसे महान का तो सारा जहान है, देखें है बहुत पर कोई ना आपके समान है, हमारे पास आपके लिए बहुत सम्मान है।

"एक समाचार"

सब सुन लो मैं एक समाचार लाया हूं, सब आओ मैं सभी को सुनाता हूं, की यह है मेरी जान पर इसको मैं अनजान बताता हूं, जमाने ने तो मुझे मार ही दिया था, पर इस पर मरकर आज मैं जी पाया हूं।।

"शुभ रात्रि"

एक शुभ रात्रि के संदेश से, उनकी तो नींद ही उड़ गई, वह रात भर न सोए, बड़ी देर में उनकी सुबह हो पाई, उन्होंने रात में तो कुछ ना किया, सुबह होते ही उन्होंने हमें फोन किया, वह बोले तुमने ऐसा क्या किया, यह दिल पल भर में ही मचल गया, ढूंढ़ा इसे मैंने रात भर, पता नहीं यह कहां खो गया, रही घड़ी कौन सी वह, जिस वक्त शुभ रात्रि का संदेश आया, जब मैंने सुनी उनकी यह बात, तो मैं मन ही मन खूब मुस्कुराया, कहा मुझे शुभ रात्रि का खयाल आया, तो संदेश का इस्तमाल कर लिया, शुभ रात्रि का यह खयाल जबरदस्त आया, बोलना उनको इस सफल हो गया, हमे उस वक्त उनका पता तो नहीं चला, मैं तो रात भर चैन कि नींद सोया, इस शुभ रात्रि ने बढ़िया काम किया, इस शुभ रात्रि को मेरा शुक्रिया।।    तो आप भी शुभ रात्रि बोलिए,  💖♥️💝💓❣️♥️💖💝💓❣️    शेयर कीजिए और प्रसन्न रहीए।।

"मुद्दत-ए-इश्क"

मुद्दत-ए-इश्क की शुरुआत तो कोई और ही करता है, फिर वही चंद पलों की खुशी भी देता है, वो तो खुशी-खुशी चले जाते हैं, बाद में ताउम्र तड़पना हमको पड़ता है।।

"मैं विवश हूं"

जो हक में चाहता हूं, वो मैं नहीं पा पाता हूं, जिसकी मुझे जरूरत नहीं है, वह अपने आप आ गई है, ना तो मैं खिल पाता हूं, ना मैं मुरझा ही पाता हूं, और ना ठीक से कुछ कर पाता हूं, मैं विवश हूं - में विवश हूं, जो नहीं खोना चाहता था, वह ही खो गया है, जिसे नहीं पाना चाहता था, वह ही मिल गया है, जो कोई नहीं क कर पाया, वो इस विवशता ने कर दिखाया, जिंदगी जीना सिखा दिया, लोगो के बारे में बता दिया, दुनिया के स्वाभाव से अपरिचित था, उसका भी परिचय करा दिया, सब चीजों का एहसास करा दिया, अब तो लगता है बहुत ही गया, खुदा ने हमें काफी कुछ दिया, और खुदा ने हमसे कई कुछ लिया, है खुदा मेरा जीवन भी ले ले, जो तूने मुझे है दिया, तुझे तेरी हर चीज के लिए शुक्रिया।।

"क्यों मन आज उदास है"

क्यों मन आज उदास है, थोड़ा दुखी थोड़ा बोझिल है, न तो कोई बड़ी बात हुई है, न ही किसी ने चोट पहुंचाई है, बस यूं ही थोड़ा उदास है, क्यूं में आज उदास है, ना कोई परेशानी हुई है, ना ही कोई रूठा है, आज सुबह से ही यह उदास है, लगता तो नहीं बात कोई खास हुई है व्याकुलता भी चहरे पर छुपी हुई है, क्यों मन आज उदास है, सुबह से शाम हो गई, दोस्त के जाने का समय हो गया, ट्रेन के आने में कुछ ही समय है क्यों आंखो में नमी छा रही है, पर आंसू उसे दिखाना नहीं है, क्या मन आज उदास है, हम साथ खेले हैं, साथ में ही खाना खाया है, साथ-साथ स्कूल गए है पर आज हम अलग हो रहे हैं, इसीलिए यह मन आज उदास है ।। प्रसन्न रहीए - मस्त रहिए शेयर कीजिए - दोस्ती बढ़ाइए ।। 🤗🤗💖😀😀❣️🤝🤝🤝

"मेरे यार"

मेरे भाई मेरे हमदर्द मेरे यार, आज तुम्हारा जन्मदिन है मेरे यार, तुम हो लाखों में एक मेरे यार, यह जन्मदिन तुम्हें खुशियां दे हजारों हजार, तुम्हारी खुशियां बनी रहें सदा बहार, सब मुसीबतों से जीतोगे तुम मेरे यार, बस हौसला रखना तुम हो मेरे यार, हमारी यही दुआ है तुम्हें हर बार, तुम जिंदगी में जीतो हर बार, तुम दुनिया का हर मुकाम पाओ मेरे यार, तुम लड़ने को रहना हमेशा तैयार, मुसीबतें बहुत देता है यह संसार, उम्मीद है तुम सबको कर दोगे तार-तार, तुम्हारा विजई ध्वज लहराए बार बार, मुबारकबाद देने निकला था मेरे यार, सोचा निकलेगा दो चार पंक्ति का शेर, पर तुम्हारे लिए कविता कर दी तैयार, दोस्त अब कोई नहीं जीता हजारों वत्सर, हमारी तो बस यही दुआ है मेरे यार, तुम जी जाओ सौ वत्सर, जिसमें हम आयेंगे होकर तैयार, अब तुम भी हो जाओ उस दिन के लिए तैयार, तुम दुनिया की हर जंग जीतो मेरे यार,

"गुजरे हुए दिन"

गुजरे हुए दिन याद आते हैं, और आकर हमें गम दे जाते हैं, ग़म तो पहले भी थे और अब भी हैं, पर वो जो पहले थे वो अब नहीं हैं, पहले शामें हसीन हुआ करती थी, और हम बहुत खुश था करते थे, अब यादों में उनकी झलक दिख जाती है, और हमारी इन्हीं अकेली शामों में, हम भी यूं ही अकेले रोते रहते हैं।।

"तेरे पास"

जब मैं तेरे पास होता हूं, तो खुद को मैं भूल जाता हूं, बस तेरे संग बैठे- बैठे, तुझको ही निहारता रहता हूं, तेरी आंखें ऐसी हैं, जिनमे मेरा संसार नजर आता है, और तेरा मुखड़ा ध्यान मेरा, तुझसे ना हटने देता है, लगता है तेरी सुंदरता की लहरों में, मैं क्षण भर में ही डूब जाऊं, फिर इन लहरों से बाहर ना निकलूं, बस इन्हीं में मैं खेलूं कूदुं, और इन्हीं में ही विराजमान होकर, मैं बस तैरता जाऊं तैरता जाऊं, तुझसे दूर जाने का मन नहीं होता, पर तुझसे मिलना भी तो आसान नहीं होता, लोग अपना काम छोड़ देते हैं, और मुझ पर नजर रखते हैं, तमन्ना है तुम्हारी बाहों में बैठे-बैठे, यह जीवन यूं ही बीत जाए, अगर जुदाई है अपनी किस्मत में तो, ये प्राण अभी ही निकाल जाएं, और एकदुजे की बाहों में, हम आज ही सिमट जाएं।।   Show your love and share it!   ♥️❤️♥️❤️♥️❤️♥️❤️♥️❤️♥️❤️♥️❤️

"चलता गया"

चलता गया चलता गया, ना इधर देखा ना उधर, सामने आ गई मंजिल, बन गई सीधी सी डगर, ना इस पार ना उस पार, बस चलता गया मैं लगातार, फिर मिल गई मंजिल, लगा मिल गई खुशी अपार, फिर होने लगी मेरी जयजयकर, यह नतीजा था लगातार चलने का, इधर उधर ना भटकने का, प्रदर्शित इसी तरह करता है सब कोई, परन्तु मेरी हार को नहीं देखता कोई, मेरी इस जीत में हार भी थी, इसे आलोचनाएं भी खेलनी पड़ी थीं, यह तो बस मैं ही जानता हूं, परन्तु इस जीत में एक खास बात है, इसमें आत्मसम्मान बहुत ही ज्यादा है, जो मन को बहुत शुख पहुंचता है।। शीख: लगे रहिए और जीतते रहिए।। 🏃🏃🏃🤗🌝✌️🤩🏃🏃🏃

"डर खुशी का"

गमो से हमें कुछ फर्क नहीं पड़ता जनाब, गमो में जीना तो, हम शीख गए, पर डर लगता है, कहीं खुशी न मिल जाए, की पाकर खुशी कहीं, जान हमारी न निकल जाए।। 🎮🎲💖💘💖🔻🔺 Google Chrome

"एक ख्वाहिश"

उनके गुनाहों की सजा हमें मिली, हमारी मोहब्ब्त का इनाम उन्हें मिला, वो हमसे दूर हुए हम उनसे दूर हुए, फिर न वो हमसे मिले न हम उनसे मिले, पर ख्वाहिश है एक बार वो हमें जरूर मिले, ताकी उनके गुनाहों की सजा उन्हें भी मिले।

"यह जिंदगी है"

ग़म दिए जिसने बहुत ज्यादा, आगे भी हम हैं, जिसमें और भी ज्यादा, फिर भी प्यार है, इससे सबसे ज्यादा, यह जिन्दगी है यारो, इसने मोड़ हैं बहुत ही ज्यादा, फिर भी इसी से ही, प्यार है सबसे ज्यादा।।

" ऐ मेरे दोस्त"

ऐ मेरे दोस्त मैं तुझसे कुछ चाहता नहीं, मेरे होते हुए किसी और से, कष्ट बयां अपना करना नहीं, जब भी मदद चाहिए हो मेरी, मांग लेना संकोच कभी करना नहीं, चाहे तुम मुझे याद करो य न करो, शिकायत हमें तुमसे कभी होगी नहीं, चोट पहुंचाओगे उस दिन हमें, जब जरूरत में मदद हमसे मांगोगे नहीं, भले अभी दूर हो तुम हमसे, पर हम याद करना तुम्हे भूलते नहीं, बहुत याद आते हैं वो पल, जिनको साथ में जिए है हम, यूं तो अब हम रोज मिलेंगे नहीं, पर तुम्हारे गमों और खुशियों में, शरीख होना हम भूलेंगे नहीं, आ जाया करो मिलने हमसे कभी-कभी, फ़ुरसत तो तुम्हें कभी होगी नहीं, कोशिश हमेशा यही करना कि, दोस्ती हमारी कभी टूटे नहीं, जान निकले तो निकले हमारी, साथ हमारा कभी छूटे नहीं, ऐ मेरे दोस्त मैं तुझसे और कुछ भी चाहता नहीं।।                      "मेरे प्रिय मित्र को समर्पित"

शायरी - "हमें मालूम ना था"

हमें मालूम ना था, कि कोई हमें भी चाहता है, अरे हमारा नसीब तो देखिए, की जब वो हमसे मुकम्मल हुए, तो जाना की ये तो वही हैं, जिनको यह दिल खुद ही चाहता है।

"दो रास्ते"

गमों से रूबरू होने के बाद, मेरे पास दो रास्ते हैं, एक की इन्हीं गमों में डूबकर मर जाऊं, दूसरा की इन्हीं गमों को ढाल बनाकर, आज मैं कुछ कर जाऊं, आज मैं कुछ कर जाऊं। हार मानना मेरी फितरत में नहीं, मरना अभी मुझे मंजूर नहीं, तुरन्त कर रहा मै लड़ना शुरू अब मुझे कल तक रुकना नहीं।। रास्ते में रुकावटें आयेंगी, आने दो, चोटें लगेंगे बदन पे , लगने दो, शुरू कर दी है यात्रा अपनी , गति अपनी रोकना नहीं, आगे चलने दो। रास आती हैं मुझे चुनौतियां, मेरा जुझारू रूप देख ले दुनिया, तोड़कर आज़ाद हो जाऊंगा मैं, भले डाल दो मेरे तुम बेड़ियां।। लड़ने की कला सीख ली है मैंने, जीतने का मंत्र ले लिया है मैंने, हार, विरोध तो सब बहाने हैं, खुद हारकर भी जंग जीत ली है मैंने।।

शायरी - "गम ना होता"

गम न होता उससे दूर होने का, अगर दूरियां उसने बनाई होती, या दूरियां हमने बनाई होती, पर जमाने के भी क्या रंग थे, वो मजबूर थे, हम मजबूर थे, फिर इस जमाने का भी क्या कसूर था, जब हम बदनसीब की किस्मत में, वो इतने मेहरबां ना थे।

शायरी - "आंसू"

क्यों आंसू मोती बन जाते हैं, क्यों ये बिन बारिश ही बरस जाते हैं, जब हम अकेले होते हैं, तो हम रोते है, जब वो अकेले होते हैं, तो वो रोते है, पर जब मिलन हमारा होता है, तो बस सांसे आती जाती हैं, ना वो कुछ कह पाते हैं, ना हम कुछ कह पाते हैं, फिर बीच हमारे आए इस वियोग में, हम दोनों यूं ही रोते रहते हैं।

"नाम कोरोना वायरस है"

दुनिया के इतिहास में, घटना घट गई भारी है, नाम कोरोना वायरस है, जिससे उभरी यह एक महामारी है, यह एक खतरनाक बीमारी है, जो पड़ी मानवता पर भारी है, इसने जनता मारी बहुत सारी है, मार अभी भी इसकी जारी है, जन्मभूमि इसकी वुहान है, जन्मदाता इसका चाइना अहंकारी है, चारो ओर गूंज रही वायरस की किलकारी है, जन्म इसका पड़ा विश्व पर भारी है, दुनिया के इतिहास में, घटना घट गई भारी है, नाम कोरोना वायरस है, जिससे उभरी यह एक महामारी है, यह आफत चाइना ने डारी है, जो पड़ी सारी दुनिया पर भारी है, चारो ओर केवल लाचारी है, इसकी कोई ना दवाई निकारी है, भूल यह चीन तेरी है, जिससे गाज सब पर गिरी है, विकसित देशों की भी इसने शान उतारी है, केवल शक्तिशाली वायरस ने बाज़ी मारी है, दुनिया के इतिहास में, घटना घट गई भारी है, नाम कोरोना वायरस है, जिससे उभरी यह एक महामारी है, अभी हिंदुस्तान में थोड़ी सुधारी है, यहां प्रधानमंत्री की चौकीदारी है, कि कोई ना लक्ष्मण रेखा लांघै, यह किया आदेश जारी है, कि कोई न घर से बाहर निकरै, यह आदेश सरकारी है, सब रहो घर के भीतर, अगर जान अपनी प्यारी है, दुनिया के इति

"शायरी"

1. जुदाई में तो उसे, हम अब भी याद करते हैं, अकेले होकर के भी, उसे हम अपने संग पाते हैं, मेरे प्यार के बदले मुझे, उसने दिया है धोखा - ए - सनम, पर हम अपनी सच्ची मोहब्बत को, भूल ना पाते हैं। ✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️✴️ 2. दर्द - ए - दिल उसका हम संग लेके जाते हैं, मुसाफिर हैं कहां पीछे लौटने को आते हैं, जब पूछता है कोई की यह घाव कैसा है, हम अपने आप को सनम - ए - गूंगा बताते हैं।

"मां तेरी तारीफ के लिए"

मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मुझे खुशी देने के लिए, मां तूने कितने गम सहे, इन गमों की कोई सीमा नहीं, तेरी ख़ुशी के लिए मां, तू मुझे कष्ट सहने देती क्यों नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए , मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मेरे सिर पर बना रहे सदा हाथ तेरा, मैं मांगू और कुछ भी तो नहीं, मां तेरा प्यार मेरे साथ है, मुझे कोई कष्ट छू सकता नहीं, मां तेरे जैसा इस दुनिया में, मेरे लिए दूसरा कोई और नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मां अब तू खुशी सहन कर, मां अब और कष्ट नहीं, मां अब तू रोए, मैं देख सकता नहीं, मां अब तू कष्ट सहे, मुझे मंजूर नहीं, मां तूने मेरे लिए कष्ट सहे, तो मां मैं तेरे लिए क्यों नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मां तेरे सिवा कोई और, मुझे भर पेट खिला सकता नहीं, मां तेरे सिवा कोई और, खयाल मेरा रखता नहीं, मां तू भगवान नहीं, उससे भी बढ़कर कहीं ज्यादा है, भगवान को सुनने में देर लगती है,

शायरी -"बरसात"

सोचता हूं , यह रात क्यों आयी, अगर आयी तो उसकी याद क्यों लायी,      इस भयानक रात में,      इस दर्द की तनहाई में,      इस बिछुड़न का वियोग तो देखो,      आधी रात है,      बाहर बरसात है,      अन्दर बरसात है,      वो बारिश तो थम जाएगी,      वो मेघो की बरसात है,      और चंद बूंदे ही उसके साथ हैं,      पर यह बारिश रुकेगी कैसे,      यह नैनो की बरसात है,      और समुन्दर इसके साथ है ।      

कर्मरथ

सोचो, सोचो और सोचो एक बार फिर से सोचो सोचकर ठीक से समझ लो फिर पूरी तन्मयता के साथ पूरे आत्मविश्वास के साथ तुम जुट जाओ अपने लक्ष्य में मग्न हो जाओ बिना थके बिना रूके अपनी मंजिल की ओर बढ़ते जाओ बस तुम बढ़ते जाओ और ऐसे ही तुम करते जाओ  फिर तुम देखोगे और फिर तुम खुद ही पाओगे की तुम्हारा वह लक्ष्य सुगमता पूर्वक सफल हो गया है और तुमने अपना प्रयोजन पूरा कर लिया है।

"बुलन्द हौसला"

जिनके हाथ थक गए हैं, वो इबारत क्या लिखेंगे, और जिनके हौसले पस्त हो गए हैं, वो जिंदगी क्या जिएंगे । इसीलिए अगर आप अपने जीवन में कुछ करना चाहते हैं, और अगर आप सर उठा कर जीना चाहते हैं तो अपना हौसला और जुन्नुन हमेशा बनाए रखें, अपने जुन्नुन को कभी भी कम ना होने दें, यही आपको विजय के मार्ग तक पहुंचाएगा।                 जय हिन्द!

"विचार"

1. समर भूमि में लड़ते लड़ते अगर तुम मर गए तो,     तुम्हें कोई याद नहीं रखेगा और ना ही तुम्हे कोई जानेगा,     तो इन सबका एक ही उपाय है, समर भूमि को फतह कर     लेना  यानी अपनी जीत का परचम लहरा देना।      __________________________________________ 2. खतरों के खिलाड़ी किसी भी चुनौती की परवाह नहीं करते,      वे किसी भी कार्य को बिना डरे पूरा करते हैं।      वे तब तक शिथिल नहीं होते जब तक उनको दी गई।           चुनौती वे पूर्ण नहीं कर देते हैं।      XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX