सोचता हूं , यह रात क्यों आयी,
अगर आयी तो उसकी याद क्यों लायी,
इस भयानक रात में,
इस दर्द की तनहाई में,
इस बिछुड़न का वियोग तो देखो,
आधी रात है,
बाहर बरसात है,
अन्दर बरसात है,
वो बारिश तो थम जाएगी,
वो मेघो की बरसात है,
और चंद बूंदे ही उसके साथ हैं,
पर यह बारिश रुकेगी कैसे,
यह नैनो की बरसात है,
और समुन्दर इसके साथ है ।
अगर आयी तो उसकी याद क्यों लायी,
इस भयानक रात में,
इस दर्द की तनहाई में,
इस बिछुड़न का वियोग तो देखो,
आधी रात है,
बाहर बरसात है,
अन्दर बरसात है,
वो बारिश तो थम जाएगी,
वो मेघो की बरसात है,
और चंद बूंदे ही उसके साथ हैं,
पर यह बारिश रुकेगी कैसे,
यह नैनो की बरसात है,
और समुन्दर इसके साथ है ।
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