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"नाम कोरोना वायरस है"

दुनिया के इतिहास में,
घटना घट गई भारी है,
नाम कोरोना वायरस है,
जिससे उभरी यह एक महामारी है,
यह एक खतरनाक बीमारी है,
जो पड़ी मानवता पर भारी है,
इसने जनता मारी बहुत सारी है,
मार अभी भी इसकी जारी है,
जन्मभूमि इसकी वुहान है,
जन्मदाता इसका चाइना अहंकारी है,
चारो ओर गूंज रही वायरस की किलकारी है,
जन्म इसका पड़ा विश्व पर भारी है,
दुनिया के इतिहास में,
घटना घट गई भारी है,
नाम कोरोना वायरस है,
जिससे उभरी यह एक महामारी है,
यह आफत चाइना ने डारी है,
जो पड़ी सारी दुनिया पर भारी है,
चारो ओर केवल लाचारी है,
इसकी कोई ना दवाई निकारी है,
भूल यह चीन तेरी है,
जिससे गाज सब पर गिरी है,
विकसित देशों की भी इसने शान उतारी है,
केवल शक्तिशाली वायरस ने बाज़ी मारी है,
दुनिया के इतिहास में,
घटना घट गई भारी है,
नाम कोरोना वायरस है,
जिससे उभरी यह एक महामारी है,
अभी हिंदुस्तान में थोड़ी सुधारी है,
यहां प्रधानमंत्री की चौकीदारी है,
कि कोई ना लक्ष्मण रेखा लांघै,
यह किया आदेश जारी है,
कि कोई न घर से बाहर निकरै,
यह आदेश सरकारी है,
सब रहो घर के भीतर,
अगर जान अपनी प्यारी है,
दुनिया के इतिहास में,
घटना घट गई भारी है,
नाम कोरोना वायरस है,
जिससे उभरी यह एक महामारी है,
वायरस तो एक खतरनाक शिकारी है,
इसकी नहीं किसी से यारी है,
पर डरो मत यारो,
मानवता ने बाजी हमेशा मारी है,
भले वायरस की फुल तैयारी है,
पर आदेश मानना ना हमारी मजबूरी है,
बल्कि यह जिम्मेदारी हमारी है,
यह जिम्मेदारी तुम्हारी है,
अब जब आयी बारी हमारी है,
तो अब क्यों यह लाचारी है,
जीतना मानवता को हमारी है,
बस आप सबका साथ जरूरी है,
अबकी बार फिर जीत हमारी है।
अबकी बार फिर जीत हमारी है।


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"मां तेरी तारीफ के लिए"

मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मुझे खुशी देने के लिए, मां तूने कितने गम सहे, इन गमों की कोई सीमा नहीं, तेरी ख़ुशी के लिए मां, तू मुझे कष्ट सहने देती क्यों नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए , मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मेरे सिर पर बना रहे सदा हाथ तेरा, मैं मांगू और कुछ भी तो नहीं, मां तेरा प्यार मेरे साथ है, मुझे कोई कष्ट छू सकता नहीं, मां तेरे जैसा इस दुनिया में, मेरे लिए दूसरा कोई और नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मां अब तू खुशी सहन कर, मां अब और कष्ट नहीं, मां अब तू रोए, मैं देख सकता नहीं, मां अब तू कष्ट सहे, मुझे मंजूर नहीं, मां तूने मेरे लिए कष्ट सहे, तो मां मैं तेरे लिए क्यों नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मां तेरे सिवा कोई और, मुझे भर पेट खिला सकता नहीं, मां तेरे सिवा कोई और, खयाल मेरा रखता नहीं, मां तू भगवान नहीं, उससे भी बढ़कर कहीं ज्यादा है, भगवान को सुनने में देर लगती है,

"बुलन्द हौसला"

जिनके हाथ थक गए हैं, वो इबारत क्या लिखेंगे, और जिनके हौसले पस्त हो गए हैं, वो जिंदगी क्या जिएंगे । इसीलिए अगर आप अपने जीवन में कुछ करना चाहते हैं, और अगर आप सर उठा कर जीना चाहते हैं तो अपना हौसला और जुन्नुन हमेशा बनाए रखें, अपने जुन्नुन को कभी भी कम ना होने दें, यही आपको विजय के मार्ग तक पहुंचाएगा।                 जय हिन्द!