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जरा संभलकर चलना

मानने वाले मान जाएंगे,
जानने वाले जान जाएंगे,
समझने वाले समझ जाएंगे,
जो कमजोर होंगे उनका पता नहीं,
जो मजबूत होंगे वो हिलेंगे भी नहीं,
पर अगर तुम सही हुए तो,
थोड़ा ही उठ पाओगे,
जो अगर तुम गलत हुए तो,
तुम बिल्कुल ही नीचे आ जाओगे,
तो संभलकर चलना जनाब
पता नहीं कहां न पहुंच जाओ।


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"मां तेरी तारीफ के लिए"

मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मुझे खुशी देने के लिए, मां तूने कितने गम सहे, इन गमों की कोई सीमा नहीं, तेरी ख़ुशी के लिए मां, तू मुझे कष्ट सहने देती क्यों नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए , मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मेरे सिर पर बना रहे सदा हाथ तेरा, मैं मांगू और कुछ भी तो नहीं, मां तेरा प्यार मेरे साथ है, मुझे कोई कष्ट छू सकता नहीं, मां तेरे जैसा इस दुनिया में, मेरे लिए दूसरा कोई और नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मां अब तू खुशी सहन कर, मां अब और कष्ट नहीं, मां अब तू रोए, मैं देख सकता नहीं, मां अब तू कष्ट सहे, मुझे मंजूर नहीं, मां तूने मेरे लिए कष्ट सहे, तो मां मैं तेरे लिए क्यों नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं, मां तेरी तारीफ के लिए, मेरे पास शब्द नहीं। मां तेरे सिवा कोई और, मुझे भर पेट खिला सकता नहीं, मां तेरे सिवा कोई और, खयाल मेरा रखता नहीं, मां तू भगवान नहीं, उससे भी बढ़कर कहीं ज्यादा है, भगवान को सुनने में देर लगती है,

"नाम कोरोना वायरस है"

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"बुलन्द हौसला"

जिनके हाथ थक गए हैं, वो इबारत क्या लिखेंगे, और जिनके हौसले पस्त हो गए हैं, वो जिंदगी क्या जिएंगे । इसीलिए अगर आप अपने जीवन में कुछ करना चाहते हैं, और अगर आप सर उठा कर जीना चाहते हैं तो अपना हौसला और जुन्नुन हमेशा बनाए रखें, अपने जुन्नुन को कभी भी कम ना होने दें, यही आपको विजय के मार्ग तक पहुंचाएगा।                 जय हिन्द!